HII दोस्तो कैसे हैं आप सब
आज आप सभी को पर्वत के बारे में बताया गया है, जो भी आपके परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है वह आपको दी जा रही है। दोस्तो जानने के लिए बहोत सी बातें है पर मैं आपको उतना ही बताऊंगा जितने से 90–99 % उम्मीद है आएगी इसलिए मैने उन बातों को नही लिए जिनके आने के कम उम्मीद है। इसलिए आपको जितना इसमे बताया जा रहा है उतना आप जरूर याद रखे और दोस्तो अगर आपको पसंद आये तो प्लीज शेयर करे और अगर कुछ सुझाव या प्रश्न हो तो कॉमेंट बॉक्स में लिखे, हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।
THANK YOU SO MUCH
MOUNTAIN GK |
पर्वत क्या है ?
पर्वत पृथ्वी के सतह पर द्वितीय प्रकार के स्थल आकृतियां जिनकी ऊंचाई 1000 मीटर से अधिक तथा ढाल सतह पर सर्वाधिक और सबसे ऊपरी भाग चोटी के रूप में होता है उसे ही पर्वत कहा जाता है।
पर्वत ज्यादातर एक लगातार समूह में होते हैं।
पर्वत 4 प्रकार के होते है
वलित पर्वत
भ्रंशोत्थ पर्वत या ब्लॉक पर्वत
ज्वालामुखी पर्वत
अवशिष्ट पर्वत
प्लेटों में यह गति तीन प्रकार से संचालित होती है
अपसारी गति
अभिसारी गति
संरक्षी गति या समानांतर गति।
संरक्षी गति या समानांतर गति।
वलित पर्वत (Fold mountain)
दो प्लेटों
के मध्य अभिसारी
गति होने के कारण संपीडन बल उत्पन्न होता है।
जिसके कारण प्लेटों में valan की प्रक्रिया शुरू होती है। अंततः वलित
पर्वत का निर्माण होता है।
भ्रंशन माउंटेन ( Faulting mountain)
दो प्लेटों के बीच तनाव मूलक बल के कारण यानी
टेंसाइल फोर्स के कारण अगर प्लेटों में दरार पड़ जाती है तो इस तरह से बने माउंटेन
को भ्रंश माउंटेन कहते हैं।
इस तनाव मूलक बल के कारण एक
प्लेट पर एक या एक से अधिक दरारें हो सकती है।
भ्रंशोत्थ पर्वत या ब्लॉक पर्वत का निर्माण पृथ्वी के उपरी सतहो मे भ्रन्शन के द्वारा भूभाग के उपर उठने अथवा बहुत बडे भाग के टूट कर ऊर्ध्वाधर रूप से विस्थापित होने से होता है।
ऊपर उठे
खण्ड को उत्खण्ड (हार्स्ट) तथा नीचे
धँसे खण्डों को द्रोणिका भ्रंश (ग्राबेन) कहा जाता है।
जैसे युरोप की
राइन घाटी तथा वॉसजेस पर्वत हार्ज यह अच्छा उदाहरण हैं।
ज्वालामुखी पर्वत
ज्वालामुखी पर्वत का निर्माण पृथ्वी के अंदर से निकले लावा के उदगार के जमाव से होता है।
जैसे:- वर्मा का माउंट पोपा, मौना लोवा, विसुविअस आदि।
ज्वालामुखी पर्वत के कई प्रकार होता है जैसे सिंडर शंकु पर्वत , मिश्रित
शंकु पर्वत , पारी पोषित शंकु पर्वत।
ज्वालामुखी विस्फोट के बाद लावा
के सतह पर ठंडे होने के कारण शंकु का निर्माण होता है।
जब शंकु का निर्माण
केवल
राख के जमा होने के कारण होता है तो इसे सिंडर शंकु कहा जाता है।
जब मैग्मा
के पाइप फट जाने के कारण शंकु का निर्माण होता है तो इसे पारी पोषित शंकु कहा जाता है।
जब शंकु का निर्माण
राख और अन्य बहुत सारी खनिज पदार्थों से मिलकर बनता है तो ऐसे शंकु को मिश्रित
शंकु कहा जाता है।
जैसे:- वर्मा का
माउंट पोपा, मौना लोवा, विसुविअस आदि।
अवशिष्ट पर्वत (Residual mountain)
ये पर्वत चट्टानों के अपरदन के फलस्वरुप निर्मित होते हैं।
अपरदन के
पश्चात पर्वतों का बचा अवशेष ही अवशिष्ट पर्वत कहलाता है।
अपरदन के प्रमुख कारक नदी वर्षा पवन हिमानी
मानव इत्यादि होते होते हैं।
जैसे- विन्ध्याचल, अरावली
और सतपुड़ा, नीलगिरी, पारसनाथ, राजमहल की पहाड़ियां (भारत),
सीयरा (स्पेन), गैसा और बूटे (अमेरिका) ।
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Aese hi jankari hame pradan kare hme khushi hogi kaafi
ReplyDeleteHi I am Akash Kumar Singh from jhajha Thanks for giving this type of knowledge aese hi jankari dete rahe
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