HII दोस्तो कैसे हैं आप सब
आज आप सभी को झारखण्ड - JHARKHAND के बारे में बताया गया है, जो भी आपके परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है वह आपको दी जा रही है। दोस्तो जानने के लिए बहोत सी बातें है पर मैं आपको उतना ही बताऊंगा जितने से 95 - 100 % उम्मीद है आएगी इसलिए मैने उन बातों को नही लिए जिनके आने के कम उम्मीद है। इसलिए आपको जितना इसमे बताया जा रहा है उतना आप जरूर याद रखे और दोस्तो अगर आपको पसंद आये तो प्लीज शेयर करे और अगर कुछ सुझाव या प्रश्न हो तो कॉमेंट बॉक्स में लिखे, हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।
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INTRO ( परिचय )
राजधानी = राँची
सबसे बड़ा शहर = जमशेदपुर
जनसंख्या = 3•3 करोड़ (14)
जनसंख्या घनत्व = 414 / किमी²
क्षेत्रफल = 79,714 किमी² ~ 80K KM^2 (16)
ज़िले = 24
JHARKHAND DISTRICT |
राजभाषा = हिन्दी
गठन = 15 नवम्बर 2000
सरकार = झारखण्ड सरकार
विधानमण्डल एकसदनीय
विधान सभा (82 सीटें)
भारतीय संसद
राज्य सभा (6 सीटें)
लोक सभा (14 सीटें)
झारखण्ड का भौगोलिक बिंदु
झारखंड की सीमाएँ उत्तर में बिहार, पश्चिम में उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़, दक्षिण में ओड़िशा और पूर्व में पश्चिम बंगाल को छूती हैं।
लगभग संपूर्ण प्रदेश छोटानागपुर के पठार पर अवस्थित है।
बिहार के दक्षिणी हिस्से को विभाजित कर वर्ष 2000 में 15 नवंबर को झारखंड प्रदेश का गठन किया गया था। यह भारत देश का 28 वा राज्य बना था।
पठार क्या होता है ??
धरातल का विशिष्ट स्थल रूप जो अपने आस पास की जमींन से प्रयाप्त ऊँचा होता है,और जिसका ऊपरी भाग चौड़ा और सपाट हो पठार कहलाता है।सागर तल से इनकी ऊचाई 300 मीटर तक होती हैं।
पठार |
पठार इतना महत्वपूर्ण क्यों है ???
पूरे भारत देश मे सबसे ज्यादा खनिज पठारो के माध्यम से प्राप्त किए जाते है।पठार का निर्माण कैसे होता है ??
ज्वालामुखी-क्रिया के समय निकले लावा के जमाव के कारण सतह का कुछ भाग ऊपर उठ जाता है जिससे पठार का निर्माण होता हैं।पर्वतों के निर्माण के समय किसी समीपवर्ती भाग के अधिक ऊपर न उठ पाने के कारण भी पठार का निर्माण होता हैं।
ज्वालामुखी-क्रिया |
भारत के प्रमुख पठार
दक्कन का पठार –
इस पठार का निर्माण काली मिट्टी से हुआ है।
काली मिट्टी निर्माण – बेसाल्ट चट्टानों के टूटने से होता है।
काली मिटटी का काला रंग – टिटेनिफेरस मेग्नेटाइट के कारण होता है।
इस पठार से – क्रोमाइट लिग्नाइट और ग्रेफ़ाइट पर्याप्त मात्रा मे प्राप्त किए जाते है।
छोटा नागपुर का पठार –
2 लाख 25 हज़ार वर्ग किमी के क्षेत्रफल पर यह पठार फैला हुआ है।
पूरे भारत देश मे सबसे ज्यादा खनिज इसी पठार से प्राप्त किए जाते है।
जिस कारण यह पठार खनिज का भंडार कहलाता है।
लोहा ,ताँबा ,युरेनियम इत्यादि इस पठार से पर्याप्त मात्रा मे प्राप्त किए जाते है।
युरेनियम के लिए भारत की प्रसिद्ध खदान जादू-गोडा की खदान इसी पठार मे है।
इस पठार का निर्माण जलोड़ मिट्टी से हुआ है।
मैकाल का पठार –
झारखंड के बाद सबसे ज्यादा लोहा इसी पठार से प्राप्त किया जाता है।
लोहे के अलावा ताँबा और थोड़ी मात्रा मे ग्रेफ़ाइट भी प्राप्त किया जाता है।
इसका सर्वोत्त्म शिखर अमर-कंटक है।
जिससे पश्चिम मे – नर्मदा ,उत्तर मे – सोन दक्षिण मे महानदी निकलती है।
कोरोमंडल का पठार –
इसका निर्माण लेटराइट मिट्टी से हुआ है।
यह मिट्टी सबसे ज्यादा तंबाकू की खेती के लिए महत्वपूर्ण होती है।
जिस कारण सबसे ज्यादा तंबाकू आंद्रप्रदेश मे प्राप्त किया जाता है।
इस पठार से सोना ओर चाँदी पर्याप्त मात्रा मे प्राप्त किए जाते है।
यह मिट्टी चाय की खेती के लिए सर्वाधिक प्रयुक्त होती है।
तिब्बत का पठार
यह दक्षिण में हिमालय पर्वत शृंखला से लेकर उत्तर में टकलामकान रेगिस्तान तक विस्तृत है।
उत्तर-से-दक्षिण तक यह पठार 1000 किलोमीटर लम्बा और पूर्व-से-पश्चिम तक 2500 किलोमीटर चौड़ा है।
तिब्बत के पठार का कुल क्षेत्रफल 25 लाख वर्गकिमी है, यानी भारत के क्षेत्रफल का 95% और फ़्रांस के समूचे देश का चौगुना।
झारखंड राज्य की भौगोलिक स्थिति
जिसकि चौड़ाई (पूर्व से पश्चिम) 463 कि0मी0 एवं लम्बाई (उत्तर से दक्षिण) 380 कि0मी0 है।
झारखण्ड राज्य का कुल क्षेत्रफल 79,714 वर्ग कि0मी0 है जो कि सम्पूर्ण भारत के क्षेत्रफल का 2.42 % हिस्सा है।
झारखण्ड के पर्यटन स्थल
:-
औद्यौगिक संस्थान :-
मेकन (MECON LIMITED)
भारतीय इस्पात प्रधिकरण (SAIL- Steel Authority of India)
JHARKHAND INDUSTRY |
महत्वपूर्ण बातें
झारखंड राज्य का राजकीय पशु हाथी है।
झारखंड राज्य का राजकीय फूल पलाश है।
झारखंड राज्य का राजकीय पेड साल है।
झारखंड राज्य की सबसे ऊंची चोटी या छोटा नागपुर पठार की सबसे ऊंची चोटी पारसनाथ की पहाड़ी है।
जिसकी ऊंचाई 1365 मीटर झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में स्थित है।
जमशेदपुर की रोचक बातें
जमशेदपुर मुख्य रूप से एक पहाड़ी में स्थित है।
जमशेदपुर जिसका नाम टाटानगर भी है।
जमशेदपुर की स्थापना का श्रेय पारसी व्यवसाय जमशेदजी टाटा को कहा जाता है।
यह झारखंड के दक्षिणी भाग में स्थित पूर्वी सिंहभूम जिले का एक हिस्सा है।
1907 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (TISCO) की स्थापना हुई थी।
इसके पहले यह साकची नाम का एक गांव हुआ करता था।
यहां की मिट्टी काली होने के कारण यहां का पहला रेलवे स्टेशन का नाम कालीमाटी रखा गया बाद में इसका नाम बदलकर टाटानगर कर दिया गया।
खनिज पदार्थों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता और खड़कई तथा सुवर्णरेखा नदी के आसानी से उपलब्ध पानी, तथा कोलकाता से नजदीकी के कारण यहाँ आज के आधुनिक शहर का पहला बीज बोया गया था।
जमशेदपुर आज भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से एक है।
टाटा घराने की कई कंपनियों के उत्पादन इकाई जैसे टिस्को, टाटा मोटर्स, टिस्कॉन, टिन्पलेट, टिमकन, ट्यूब डिवीजन, इत्यादि यहाँ कार्यरत है।
यातायात
हावड़ा मुम्बई रेल मार्ग पर स्थित होने के कारण टाटानगर दक्षिणपूर्व रेलवे के अत्यंत व्यस्त स्टेशनों में से गिना जाता है।
राष्ट्रीय राजमार्गे 33 यहाँ से होकर गुजरती है।
नगर के उत्तर पूर्वी हिस्से में एक सोनारी हवाई अड्डा है।
शहर की ज्यादातर सड़कों का रखरखाव टाटा परिवार के द्वारा होने की वजह से यहाँ की सड़के झारखंड में अन्य शहरों की अपेक्षा काफी अच्छी हैं।
महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल
जुबली पार्क
यह पार्क टाटा स्टील ने अपने 50 वर्ष पूरे करने के उपरान्त बनवा कर यहां के निवासियों को तोहफे स्वरुप भेंट की थी।
225 एकड़ भूमि में फैले इस पार्क का उदघाटन 1958 ई. में उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने किया था।हरेक साल 3 मार्च को जमशेदजी नौसरवानजी टाटा की याद में पूरे पार्क को बिजली के रंगीन बल्वों के द्वारा बडे़ भव्य तरीके से सजाया जाता है।
जयंती सरोवर
40 एकड़ में फैले इस झील को विशेष तौर पर बोटिंग के लिए बनाया गया है।
इस झील के बीचों
बीच
एक आइलैण्ड का निर्माण किया गया है।
दलमा वन्य अभ्यारण्य
बाजार
सिनेमाघर
पूरे झारखंड में केवल कीनन स्टेडियम ही अंतर्राष्टीय स्तर का क्रिकेट ग्राउंड है।
जमशेदपुर दलमा पहाड़ी की गोद में बसा है।
नदियां
यानी यहां से कई नदियां निकलती है जैसे कोयल ,दामोदर ,ब्राह्मणी ,खरकई एवं स्वर्ण रेखा।
दामोदर नदी :-
यह छोटानागपुर के पठार मे पलामू से निकल कर हजारीबाग और मानभूम के रास्ते आगे निकलती है ।
इस नदी क उद्गम स्थल पलामू जिले मे है । इस नदी कि लंबाई 290 कि. मी. है।
दमोदर को “देवनद” नाम से भी जाना जाता है।
कोनार, बोकरो और बराकर नदी इसकी प्रमुख्य सहायक नदी है।
स्वर्णरेखा नदी :-
यह एक मौसमी नदी है जो वारिश मे पूरा भर जाती हैै।
इसके सुन्हरे रंग के बालू के कारण इसे “स्वर्णरेखा” नदी कहा जाता है ।
यह नदी उद्गम स्थल से लेकर बंगाल की खाड़ी मे मिलने तक किसी भी नदी का सहायक नदी नहीं बनती है।
इनकी 3 सहायक प्रमुख नदियाँ राढु, काँची और खरकइ है, जो पूरब से बहती हु़ई इसमें आ मिलती है।
बराकर नदी :-
इस नदी पे दामोदर घाटी परियोजना के अंतर्गत मैथन डेम बनाया गया हैं, जिससे बिजली का उत्पादन किया जाता है।
झारखंड की जनजाति
कुल 32 जनजातियां है झारखंड राज्य में।झारखंड राज्य की रोचक बातें
क्योकि कर्क रेखा झारखंड राज्य से पास करती है।
भारत देश का सबसे बड़ा उर्वरक कारखाना सिंदरी में था पर अब बंद हो गया ।भारत का पहला एवं विश्व का पांचवा सबसे बड़ा इस्पात कारखाना जमशेदपुर में स्थित है।
भारत देश का मिथेन गैस का पहला प्लांट झारखंड राज्य में ही लगाया गया।
प्रमुख त्यौहार कर्मा, दीपावली, होली इत्यादि।
हुंडरू जलप्रपात यहां की प्रसिद्ध जलप्रपात है जो स्वर्णरेखा नदी पर रांची में स्थित है।
प्रमुख हस्तियां महेंद्र सिंह धोनी, प्रियंका चोपड़ा ,परिणीति चोपड़ा ,तनुश्री दत्ता ,मीनाक्षी ,बिरसा मुंडा जी इत्यादि
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Bahut aacha information hai sir please give this type of knowledge
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