HII दोस्तो कैसे हैं आप सब
आज आप सभी को JUPITER-बृहस्पति के बारे में बताया गया है, जो भी आपके परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है वह आपको दी जा रही है। दोस्तो जानने के लिए बहोत सी बातें है पर मैं आपको उतना ही बताऊंगा जितने से 95 - 100 % उम्मीद है आएगी इसलिए मैने उन बातों को नही लिए जिनके आने के कम उम्मीद है। इसलिए आपको जितना इसमे बताया जा रहा है उतना आप जरूर याद रखे और दोस्तो अगर आपको पसंद आये तो प्लीज शेयर करे और अगर कुछ सुझाव या प्रश्न हो तो कॉमेंट बॉक्स में लिखे, हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।
THANK YOU SO MUCH
परिचय INTRODUCTION
बृहस्पति सूर्य से
दूरी के आधार पर पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
JUPITER-बृहस्पति-PLANET-GK |
यह एक गैसीय ग्रह है जिसका परिक्रमण काल लगभग 12 वर्ष है।
गैसीय ग्रह हमारे सौरमंडल में कोन-कोन से है ??
बृहस्पति को शनि, अरुण और वरुण के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
इन चारों ग्रहों को बाहरी ग्रहों के रूप में भी जाना जाता है।
बृहस्पति ग्रह का पृथ्वी ग्रह से तुलना
विषुवतिय त्रिज्या पृथ्वी से लगभग 11 गुना ज्यादा है।
बृहस्पति ग्रह का आयतन पृथ्वी के आयतन से 1321 गुना ज्यादा है।
बृहस्पति-PLANET-GK |
बृहस्पति ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान से 317 गुना ज्यादा है।
बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के 2.5 गुना ज्यादा है।
बृहस्पति मिशन MISSION JUPITER
बृहस्पति को पायोनियर और वॉयजर मिशन के दौरान और बाद में गैलिलियो यान के द्वारा जानने कि कोशिश की गई।
फरवरी 2007 में न्यू होरायजन प्लूटो सहित बृहस्पति की यात्रा करने वाला अंतरिक्ष यान था।
जूनो अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान परिषद नासा द्वारा हमारे सौर मंडल के पाँचवे ग्रह बृहस्पति पर अध्ययन करने के लिए पृथ्वी से 5 अगस्त 2011 को छोड़ा गया।
जुनो लगभग 5 वर्ष लंबी यात्रा के बाद 5 जुलाई
2016 को यह बृहस्पति तक पहुँचने में सफल रहा।
इस अभियान पर लगभग 1.1 अरब डॉलर की लागत का अनुमान है।
NOTE = पायोनियर , वॉयजर, न्यू होरायजन , जूनो बृहस्पति मिशन है।
बृहस्पति के अन्य मिशन
अब तक बहुत सारे मिशन बृहस्पति पर भेजे गए हैं।
(1) पायोनियर
10 -: 1973 में सबसे पहले भेजा गया था।
(2) पायोनियर
11
(3) वायेजर 1
(4) वायेजर 2
(5) गैलीलियो
JUPITER CALLISTO MISSION |
इनमें से 10 अक्तूबर 1989 को भेजा गया गैलीलियो यान आठ वर्षों तक बृहस्पति की कक्षा में रहा।
गैलीलियो यान 8 दिसंबर
1995 को बृहस्पति की कक्षा में दाखिल हुआ और 21 सितंबर
2003 तक काम करता रहा।
सौर उर्जा का प्रयोग
बृहस्पति सूरज से बहुत दूर है और वहाँ सूरज की रोशनी बहुत मंद होती है जिस से वहाँ पर पहुँचे हुए यानों में सौर उर्जा का प्रयोग संभव नहीं
है।
जिसके कारण सोर ऊर्जा के बजाये सारे यानों में परमाणु ऊर्जा इस्तेमाल की जाती रही है।
लेकिन सौर प्रौद्योगिकी में तरक्की होने से अब ऐसे उपकरण बन गए हैं जो इस धीमी रोशनी में भी बिजली बना सकते हैं।
जूनो बृहस्पति जाने वाला पहला यान होगा जो सौर ऊर्जा का प्रयोग करेगा। इस पर बड़े-बड़े सौर पैनल लगे हुए हैं।
बृहसपति ग्रह के छल्ले
बृहस्पति में एक धुंधली वलय प्रणाली है जो मुख्यतः तीन भागो मे बनी है।
अंदरूनी छल्ला, अपेक्षाकृत चमकीला मुख्य छल्ला और बाहरी पतला छल्ला।
ऐसा लगता है कि यह छल्ले शनि के छल्लों जैसे बर्फीले ना होकर धुल से बने है।
संभवतः इसका मुख्य छल्ला ऐड्रास्टीया (Adrastea) और
मीटस
(Metis) चन्द्रमा के भाग टूटने की वजह से बना है।
इसी तरह, थीबी
(Thebe) और ऐमलथीया (Amalthea) चन्द्रमा, संभवतः दो अलग अलग घटकों की धूलयुक्त बाहरी छल्ले बनाते है।
सूर्य से दूरी – 78 करोड़ KM
या 5.2 AU (1 AU
= सूर्य से पृथ्वी की दूरी = 14.98 CR KM)
बृहस्पति का एक दिन अन्य ग्रहों के एक दिन से कम होता है क्यों ??
बृहस्पति का एक दिन बाकी सभी ग्रहों से छोटा होता है क्योंकि
यह केवल 9 घंटे
55 मिनट में अपनी धुरी के समक्ष एक चक्कर पूरा कर लेता है।
इतनी तेजी से घूमने के कारण यह थोड़ा चपटा नजर आता है।
सौरमंडल का वैक्यूम क्लीनर किसे कहा जाता है ??
अपने शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण के कारण बृहस्पति सौर मंडल के अन्य ग्रहों को बाहरी उल्काओं के हमले से बचाए रखता हैं।
क्योंकि यह उन्हें अपनी तरफ खींच लेता है। इसलिए बृहस्पति ग्रह को सौर-मंडल का वैक्यूम क्लीनर कहा जाता है।
शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण |
महत्वपूर्ण बातें IMP FACTS
1) बृहस्पति के कम से कम 79 चन्द्रमा है।
2) यह संख्या सौरमण्डल के किसी भी अन्य
ग्रह
से अधिक पहले था।
3) इन उपग्रहों में से चार चन्द्रमा काफी बड़े आकार के हैं - गैनिमीड, कलिस्टो, आयो और यूरोपा।
4) गैलिलीयन चन्द्रमा के नाम से जाने जाते है।
5) यह चार पहले उपग्रह थे जो पृथ्वी से अन्य किसी ग्रह की परिक्रमा करते पाए गए थे।
6) गैनिमीड सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका व्यास बुध ग्रह से भी ज्यादा है। यहाँ चन्द्रमा का तात्पर्य उपग्रह से है।
7) वृहस्पति ग्रह गैसीय और तरल पदार्थों से मिलकर बना हुआ ग्रह है।
8) यह पूरे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह और पूरी गैसीय ग्रहों में भी सबसे बड़ा ग्रह है।
9) लेकिन गैसीय ग्रह में घनत्व के हिसाब से यह दूसरा ग्रह है और इसका घनत्व सारे आंतरिक ग्रहों से कम है।
10)
वृहस्पति का उपरी वायुमंडल हाइड्रोजन और हीलियम गैस से बना हुआ है।
11)
बृहस्पति ग्रह पर बादल नारंगी और भूरे रंग के होते हैं क्योंकि यह अमोनिया क्रिस्टल और अमोनियम हाइड्रो सल्फाइड के बने होते हैं।
12)
बृहस्पति ग्रह का युरोपा उपग्रह काफी खास है क्योंकि सभी वैज्ञानिक यह मानते है कि युरोपा पर एक विशाल पानी का समुद्र है।
13)
जिसकी गहराई 100 किलोमीटर से भी ज्यादा हो सकती है।
14) बृहस्पति पृथ्वी के आसमान से नजर आने वाला चौथा सबसे चमकीला पिंड है सूर्य, चंद्रमा और शुक्र ग्रह के बाद ।
GK CATEGORY WISE BY K S R
HISTORY GK |
CHEMESTRY GK | ECO GK |
GEOGRAPHY GK BY K S R
SOLAR BASIC P2 |
EARTH PLANET |
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Good post ,useful Post
ReplyDeleteHII SIR very good morning
ReplyDeleteI m Shruti rajpoot remember me
Really a great content with own language simple thanks a lot
Ek no. Ek v questions ab nhi chutega Jupiter planet se
ReplyDeleteThank you for sharing details knowledge about Jupiter ❤️🙏
ReplyDeleteHello, I'm Shekhar Raaz from Mumbai. Thank you sir for everything.❤️🙏
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