HII दोस्तो कैसे हैं आप सब
आज आप सभी को राष्ट्रपति के बारे में बताया गया है, जो भी आपके परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है वह आपको दी जा रही है। दोस्तो जानने के लिए बहोत सी बातें है पर मैं आपको उतना ही बताऊंगा जितने से 95 –100% उम्मीद है आएगी इसलिए मैने उन बातों को नही लिए जिनके आने के कम उम्मीद है। इसलिए आपको जितना इसमे बताया जा रहा है उतना आप जरूर याद रखे और दोस्तो अगर आपको पसंद आये तो प्लीज शेयर करे और अगर कुछ सुझाव या प्रश्न हो तो कॉमेंट बॉक्स में लिखे, हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।
THANK YOU SO MUCH
अनुच्छेद 52
अनुच्छेद 53
संघ की कार्यपालिका शक्ति
(executive power) राष्ट्रपति में निहित होगी तथा वह तीनों सेनाओं का सर्वोच्च सेनापति
(Supreme commander) होगा।
अनुच्छेद
54 (राष्ट्रपति का निर्वाचन) (PRESIDENTIAL ELECTION)
1) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा।
2) राज्य के विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा दिल्ली व पांडिचेरी (new name pudducherry) & j&k भी शामिल है।
3) आनुपातिक प्रतिनिधित्व (proportional representation) की एकल संक्रमणीय मत प्रणाली
(Single transferable vote
system) द्वारा अप्रत्यक्ष विधि से
अनुच्छेद 58 (योग्यता) (ELIGIBILITY)
1) भारत का नागरिक हो
2) कम से कम 35 वर्ष की आयु हो
3) लोकसभा का सदस्य बनने योग्य
4) लाभ के पद पर ना हो
लोकसभा सदस्य की योग्यता (ELIGIBILITY)
1) भारत का नागरिक हो
2) 25 वर्ष की आयु हो
3) लाभ के पद पर ना हो
लाभ के पद (POSITIONS/OFFICE OF PROFIT) पर ना हो ??
संविधान के अनुच्छेद 102 के अंतर्गत संसद सदस्यों की योग्यताओं को निर्धारित करने के लिए लाभ का पद शब्द का प्रयोग किया गया है।
परंतु संविधान में परिभाषित नहीं किया गया है जब कोई भी बातें संविधान में स्पष्ट तौर पर ना कहीं गई हो या किसी को समझ ना आए तो उसे समझाने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ उच्चतम न्यायालय को है।
उच्चतम न्यायालय ने इसकी व्याख्या में कहा कोई व्यक्ति जो सरकार के अधीन किसी कर्तव्य का निर्वहन करता है और बदले में उसे वेतन फीस कमीशन या अन्य कोई सुविधा प्राप्त होती है।
तो वह व्यक्ति लाभ के पद पर माना जाएगा और उसका पद लाभ का पद माना जाएगा।
परंतु संसद विधि बनाकर ऐसे किसी भी पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर कर सकती है।
अनुच्छेद 56 (राष्ट्रपति का कार्यकाल) ( PRESIDENTIAL TERM )
1) शपथ ग्रहण की तारीख से 5 वर्ष तक।
3) अगर उपराष्ट्रपति नहीं हो तो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को त्याग पत्र दे सकता है।
4) अगर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी नहीं हो तो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश को राष्ट्रपति त्यागपत्र दे सकता है।
5) संविधान उल्लंघन पर महाभियोग द्वारा राष्ट्रपति को हटाया जा सकता है।
NOTE
महाभियोग सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रपति पर ही लगाया जाता है बाकी सारे पद पर साबित कदाचार (Proven malpractice) के आधार पर हटाया जाता है।
राष्ट्रपति के निर्वाचन सम्बन्धी किसी भी विवाद में निणर्य लेने का अधिकार उच्चतम न्यायालय को है।
अनुच्छेद 57 (राष्ट्रपति का पुनः निर्वाचन) (PRESIDENTIAL RE-ELECTION)
राष्ट्रपति का पद रिक्त होने के बाद उसे 6 महीने के अंदर भर देना चाहिए।
राष्ट्रपति की कार्य शक्तियां
विधाई कार्य राष्ट्रपति संसद का अंग होता है बिना उसके हस्ताक्षर के कोई भी विधेयक कानून नहीं बन सकता है।
राष्ट्रपति संसद के प्रत्येक सत्र को आहूत
या
सत्रावसान (Call or prorogation) कर सकता है।
राष्ट्रपति के निषेधाधिकार शक्तियां (Prohibition powers) जिसे वीटो पावर भी कहा जाता है।
1)
संपूर्ण या अत्यांतिक निषेधाधिकार शक्तियां
2)
निलंबन कारी निषेधाधिकार शक्तियां
3)
जेबी विटो
संपूर्ण निषेधाधिकार शक्तियां (ABSOLUTE PROHIBITION POWERS)
संसद में विधेयक पारित कर उसे राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर कराने के लिए भेजा जाता है ताकि वह बिल एक्ट यानी कानून बन सके।
लेकिन किसी कारणवश राष्ट्रपति अगर हस्ताक्षर करने से मना कर दे तो विधेयक पूर्णतः समाप्त हो जाता है मतलब वह कानून नहीं बन सकता।
निलंबनकारी निषेधाधिकार शक्तियां (SUSPENDING PROHIBITION POWERS)
संसद विधेयक पारित कर हस्ताक्षर करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजता है लेकिन राष्ट्रपति उसे पुनर्विचार के लिए फिर से संसद वापस भेज देता है।
और दोबारा जब राष्ट्रपति के पास वह बिल आता है तो राष्ट्रपति उस पर साइन करने के लिए बाध्य हो जाता है चाहे वह सही हो या नहीं।
इस प्रक्रिया में विधेयक कानून बनने से कुछ समय के लिए रुक जाता है इसलिए इसे निलंबनकारी निषेधाधिकार शक्तियां कहा जाता है।
इस वीटो का प्रयोग अभी तक संसद सदस्यों के वेतन
बिल
भत्ते
तथा
पेंशन
नियम
संशोधन
1991 में किया गया था।
यह एक वित्तीय बिल था। राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमन ने इस वीटो का प्रयोग इस आधार पर किया कि यह बिल लोकसभा में बिना उनकी अनुमति के लाया गया था।
जेबी विटो (POCKET VITO)
संसद ने किसी विधेयक को पारित कर राष्ट्रपति से साइन करने के लिए भेजा लेकिन राष्ट्रपति ना तो उस पर साइन करता है और ना ही पुनर्विचार के लिए वापस भेजता है।
इस प्रकार अनिश्चितकाल के लिए अपने पास सुरक्षित रख लेता है इसे ही जेबी वीटो कहा जाता है।
1986 में उस समय के राष्ट्रपति ज्ञानी जेल सिंह ने डाक संशोधन विधेयक 1986 पर जेबी वीटो का प्रयोग किया था।
अनुच्छेद
123 (अध्यादेश जारी करना)
(ISSUE OF ORIDANANCE)
यदि संसद का कोई एक सदन या दोनों सदन सत्र में ना हो और कोई कानून तत्काल लागू करने की आवश्यकता हो।
तो राष्ट्रपति एक अध्यादेश के माध्यम से कोई भी कानून लागू कर सकता है लेकिन
अध्यादेश जारी किए जाने के बाद बैठक से
6 सप्ताह के भीतर संसद की सहमति लेनी आवश्यक होती है।
अगर ऐसा नहीं होता है तो वह कानून स्वतः खत्म हो जाती है।
2 सत्र के मध्य अधिकतम 6 माह का अंतराल हो सकता है इसलिए अध्यादेश की अधिकतम अवधि
6 माह + 6 सप्ताह
यानी 7•5 माह हो जाती है
राष्ट्रपति का प्रशासनिक कार्य
संघ की समस्त कार्यपालिका कार्यवाही राष्ट्रपति के नाम से कि जाती है।
समस्त अंतरराष्ट्रीय समझौते एवं संधी राष्ट्रपति के नाम पर की जाती है।
अनुच्छेद 356 के अंतर्गत किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है राष्ट्रपति द्वारा।
संघ स्तर के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
जैसे —: महान्यायवादी ,कैग ,सुप्रीम कोर्ट/ हाईकोर्ट के न्यायधीश , यूपीएससी के अध्यक्ष, विदेश में भारत के राजदूत ,केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति , राज्य के राज्यपाल, प्रधानमंत्री व उसकी मंत्रिपरिषद की नियुक्ति, निर्वाचन आयोग, वित्त आयोग , राष्ट्रीय स्तर के अन्य आयोग ,तीनों सेनाओं के अध्यक्ष
इन सभी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
अनुच्छेद
72 ( राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां)
(JUDICIAL POWERS OF PRESIDENT)
इसके अंतर्गत राष्ट्रपति किसी भी दंड को क्षमा ,परिहार ,लघु करण या निलंबित विराम प्रविलंबन कर सकती है।
लघुकरण – दंड की प्रकृति कठोर से हटा कर नम कर देना
परिहार – दंड की अवधि घटा देना परंतु उस की प्रकृति नहीं बदली जायेगी
विराम – दंड में कमी ला देना यह विशेष आधार पर मिलती है जैसे गर्भवती महिला की सजा में कमी लाना
प्रविलंबन – दंड प्रदान करने में विलम्ब करना विशेषकर मृत्यु दंड के मामलों में
अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की सलाहकारी शक्तियां (PRESIDENTIAL ADVISORY POWERS)
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PRESIDENT HOUSE
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किसी भी विधि या तथ्य के मामलों मे राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट से या सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति से सलाह मांगे या दे सकता है।
लेकिन राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट इस सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं होते है।
अनुच्छेद
61 (राष्ट्रपति पर महाभियोग)
(IMPEACHEMENT OF PRESIDENT)
संसद के किसी भी सदन में उसके कम से कम
1/4 सदस्यों के द्वारा संविधान उल्लंघन का आरोप लगाया जाएगा।
फिर 14 दिनों तक कोई कार्यवाही नहीं होगी।
यदि उस सदन ने
2/3 बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दिया तो उसे दूसरे सदन में भेजा जाएगा फिर दूसरे सदन में भी इसे 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पारित करना होगा।
दूसरे सदन में राष्ट्रपति को सफाई पेश करने का मौका दिया जाएगा अगर साबित हो गया तो राष्ट्रपति को उनके पद से हटा दिया जाएगा।
अनुच्छेद
78 (राष्ट्रपति सूचना प्राप्ति का अधिकार)
(PRESIDENTS RIGHT TO INFORMATION)
78 के अनुसार प्रधान मंत्री राष्ट्रपति को समय समय पर मिल कर राज्य के मामलों तथा भावी विधेयकों के बारे में सूचना देगा।
इस तरह अनु 78 के अनुसार राष्ट्रपति सूचना प्राप्ति का अधिकार रखता है।
अनुच्छेद 79
क्योंकि संसद लोकसभा ,राज्यसभा और राष्ट्रपति तीनों से मिलकर बनता है।
महत्वपूर्ण
1) भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है।
2) राष्ट्रपति अधिकतम कितनी भी बार पद पर रह सकते हैं इसकी कोई सीमा तय नहीं है।
3) अब तक केवल पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने ही इस पद पर दो बार अपना कार्यकाल पूरा किया है।
4) प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं तथा इस पद को सुशोभीत करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं। यह 2007 - 12 तक थीं।
5) वर्तमान में रामनाथ कोविन्द भारत के चौदहवें राष्ट्रपति हैं।
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रामनाथ कोविन्द G |
6) राष्ट्रपति के पास 50
अनुमोदक और
50 प्रस्तावक होते हैं।
7) राष्ट्रपति किस सूची के विषय पर अध्यादेश जारी कर सकता है
?
संघ व समवर्ती सूची पर।
8) नीलम संजीव रेड्डी अकेले राष्ट्रपति हुए जो निर्विरोध चुने गए थे और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद अकेले राष्ट्रपति थे जो दो बार चुने गए।
POLITICAL SCI GK BY K S R
COUNTRY'S GK BY K S R
HISTORY GK BY K S R
दोस्तो अगर आपको पसंद आये तो प्लीज शेयर करे और अगर कुछ सुझाव या प्रश्न हो तो कॉमेंट बॉक्स में लिखे, हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे।
THANK YOU SO MUCH
President topic kaafi shandar hai apki aese hi mehnat kariye aap or khub aage jayiye
ReplyDeletethanks a lot
DeleteVery good explanation as well as neat and clean thanks a lot
ReplyDeleteHye I am vishal....,from jamshedpur
ReplyDeleteUseful post...👌
Hi I'sameer from jharkhand sir apke explain krne ka tarika bahut kabile tariff hai or Jo aap color ka sahi use karke jo headline date ho na usse padne mai to mazza he aa jata hai
ReplyDeleteHi sir I'm from jamshedpur apke explain karne ka tarika sabse acha lagta hai mujhe or apne ko colour ka use krke head line date ho na sir usse padne mai bada maza ata hai
ReplyDeleteGood morning sir Great content thank U so much
ReplyDeleteGreat knowledge sir
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